महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी, बिहार में आप सभी का स्वागत है। बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले में स्थापित यह भारत का 41वां केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। अपनी स्थापना के मात्र पाँच वर्षों में विश्वविद्यालय ने नए पाठ्यक्रमों, नए विधाओं के प्रारंभ के साथ शैक्षणिक दुनिया में अपनी एक नई पहचान बनाई है। हम अपनी शैक्षणिक उर्जस्विता एवं विशिष्ट चरित्र से शैक्षणिक परिदृश्य में होने वाले परिवर्तनों का सामना कर रहे हैं। हम उच्च शिक्षा में नवोन्मेषी एवं प्रगतिशील विचारों को अपनाते हुए विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श, बहुविषयक, बहुआयामी, एवं शोध-परक विश्वविद्यालय बनने के प्रति संकल्प बद्ध हैं।
महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, विशेष रुप से स्नातकोत्तर अध्ययन-अध्यापन के लिए समर्पित है और व्यापक रूप से शोध-उत्कृष्टता एवं अपने विशिष्ट संकाय के लिए जाना जाता है। विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान इसकी वास्तविकता का परिचायक है। वैज्ञानिक प्रकाशनों एवं शोध-उन्मुख संकाय सदस्यों के प्रयासों का ही परिणाम है जिसने इस विश्वविद्यालय में भारतवर्ष के सभी राज्यों के विद्यार्थियों को वृहत स्तर पर आकर्षित किया है।
आइए, हम सभी विषयों में बौद्धिक संवाद को प्रोत्साहित करने और उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण, शोध और विस्तार गतिविधियों के माध्यम से ज्ञान के संवर्धन और अपने मिशन को फलीभूत करने के दिशा में कार्य करें जिससे कि शिक्षार्थियों की पीढ़ी को नेतृत्व, अंतर्दृष्टि और दिशा प्रदान कर ज्ञान और सत्य के पालन के उच्चतम आदर्शों को प्राप्त किया जा सके।
मैं इस अवसर पर “महात्मा गाँधी” के इस कर्म-भूमि में विद्यार्थियों को सीखने एवं राष्ट्र निर्माण के प्रति उनकी भूमिका के उत्तरदायित्व के पालन और समावेशी समाज-निर्माण में उनकी सहभागिता का आह्वान करता हूँ।