VC Message

Prof. Sanjay Srivastava

महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी, बिहार में आप सभी का स्वागत है। ज्ञान की धरती बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थापित यह विश्वविद्यालय भारत का 41वाँ केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। अपनी स्थापना के मात्र सात वर्षों में ही विश्वविद्यालय ने नए पाठ्यक्रमों, नई विधाओं के प्रारंभ के साथ शैक्षणिक जगत में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनायी है। हम अपनी शैक्षणिक ऊर्जस्विता एवं विशिष्ट चरित्र से शैक्षणिक परिदृश्य के सापेक्ष समाज की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं पर खरा उतरने के लिए संकल्पबद्ध हैं। हम उच्च शिक्षा में नवोन्मेष को अपनाते हुए विद्यार्थियों के लिए एक आदर्श, बहुविषयक, बहुआयामी एवं शोध-परक विश्वविद्यालय बनने के प्रति संकल्पित हैं।

महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिहार विशेष रूप से स्नातकोत्तर अध्ययन-अध्यापन के लिए समर्पित है और व्यापक रूप से शोध-उत्कृष्टता एवं अपने विशिष्ट संकाय के लिए जाना जाता है। विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पहचान इसकी उत्कृष्ट अकादमिक सहभागिता का परिचायक है। वैज्ञानिक प्रकाशन एवं शोध-उन्मुख संकाय सदस्यों के प्रयासों का परिणाम है कि इस विश्वविद्यालय ने भारतवर्ष के लगभग सभी राज्यों के विद्यार्थियों को वृहद् स्तर पर आकर्षित किया है।

हम सभी विषयों में बौद्धिक समाज को प्रोत्साहित करने और उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण, शोध और विस्तार-गतिविधियों के माध्यम से ज्ञान के समर्थन और अपने उद्देश्य को फलीभूत करने की दिशा में कार्यरत हैं, जिससे कि शिक्षार्थियों की पीढ़ी को नेतृत्व, अंतर्दृष्टि और दिशा प्रदान कर ज्ञान और सत्य के पालन के उच्चतम आदर्शों को प्राप्त किया जा सके।

स्वतंत्र भारत की सात दशकों की विकास-यात्रा के बाद अर्जित उपलब्धियों पर गर्व का अनुभव करते हुए महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिहार 'आजादी के अमृत काल' में स्वतंत्रता सेनानियों को उनके बलिदान और योगदान के लिए नमन करता है और उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप सशक्त भारत के निर्माण हेतु अन्य अप्राप्त लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए संकल्पित भी है। यह विश्वविद्यालय समकालीन विश्व की आवश्यकताओं और चुनौतियों के सापेक्ष अपनी शैक्षणिक- नीतियों और शिक्षा-पद्धति के माध्यम से विद्यार्थियों में ऐसे व्यक्तित्व के विकास के लिए प्रयासरत है, जो भविष्य में विविध क्षेत्रों में भारत को ऊर्ध्वगामी विकास की दिशा में आगे ले जाने में सक्षम हों।

भारत की अध्यक्षता में G20 समूह ‘वसुधैव कुटुम्बकम्' अथवा 'एक पृथ्वी. एक कुटुंब . एक भविष्य' के केन्द्रीय विचार के साथ यह विश्व सभी प्रकार के जीवन- मूल्यों और प्राणि-मात्र के समस्त जगत के साथ पारस्परिक संबंध के दायित्व-बोध की दिशा में अग्रसर है। भारतीय जीवन- दर्शन को आधार बनाकर समकालीन विश्व के समक्ष उपस्थित चुनौतियों और मानवता पर आए संकटों के सापेक्ष समाधान तलाशने और भविष्य की योजनाओं और विकल्पों की खोज में इस विमर्श को आगे बढ़ाने के लिए महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिहार एक शैक्षणिक संस्था के रूप में अपने योगदान के प्रति जागरूक है और एक विशिष्ट रणनीति के तहत इसके लिए सतत सक्रिय है।

नई पीढ़ी में भारतीय जीवन-दर्शन के उदात्त मूल्यों की संस्थापना और वैश्विक चुनौतियों का सामना करने लायक व्यक्तित्व का विकास करने के लिए ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020' एक महत्त्वपूर्ण साधन है। महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों के अनुरूप विश्वविद्यालय में संचालित होने वाले पाठ्यक्रमों की रूपरेखा तथा शिक्षणेतर गतिविधियों के प्रतिपादन एवं संचालन हेतु संकल्पित है। जहाँ एक ओर प्राचीन भारतीय परम्परा का अनुसरण करते हुए यह विश्वविद्यालय सर्व-समावेशी परिसर के रूप में सुदृढ़ता से कार्य कर रहा है, वहीं दूसरी ओर 21वीं सदी की आवश्यकताओं, चुनौतियों तथा सम्भावित समाधानों के सापेक्ष यह विश्वविद्यालय अन्तर-अनुशासनात्मक एवं बहुविषयक अन्तर्क्रियाओं के साथ ही अपेक्षित शोध-कार्यों को भी प्रोत्साहित कर रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत यह विश्वविद्यालय वैश्विक पटल पर एक उत्कृष्ट शोध विश्वविद्यालय के रूप में स्वयं को स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है।

शैक्षणिक नवाचार, ज्ञान के सृजन, शोध-नवोन्मेष और विश्व-नागरिक की चेतना का विकास कर ‘विश्व-गुरु’ और 'वसुधैव कुटुंबकम्' की संकल्पनाओं को साकार करने में विश्वविद्यालयों और अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है । हमें अपनी भूमिका का बोध है और केंद्र सरकार की योजनाओं तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों और इसके वृहत्तर उद्देश्यों को फलीभूत करने के लिए महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय संकल्पित और समर्पित है।

मैं, महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिहार में विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को सीखने, ज्ञान का सृजन करने एवं राष्ट्र-निर्माण के प्रति उनकी भूमिका और उत्तरदायित्व के निर्वहन और सर्व- समावेशी समाज के निर्माण में उनकी सहभागिता का आह्वान करता हूँ।

प्रो. संजय श्रीवास्तव
कुलपति
महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बिहार
Important Links
Updated on: 25 July 2023 10:30 AM
Number Visitors: 2288892