साइबर सुरक्षा केंद्र

भारत के महामहिम राष्ट्रपति महोदय ने हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित आगंतुक सम्मेलन में साइबर सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया। विश्वविद्यालय एनईपी-2020 के क्रियान्वयन की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। इसी भावना के तहत, हमारे दूरदर्शी कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा जी ने एक अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा अनुसंधान केंद्र की स्थापना हेतु प्रेरित किया। इस केंद्र की स्थापना की अधिसूचना सीएसएंडआईसीटी स्कूल के अंतर्गत 09.10.2020 की कार्यालय आदेश के माध्यम से जारी की गई थी। यह केंद्र विश्वविद्यालय के चाणक्य परिसर के आईटी सेंटर से संचालित होता है। प्रो. विकास पारीक, डीन, सीएसएंडआईसीटी को इस केंद्र का समन्वयक नियुक्त किया गया है और उन्हें केंद्र को सुचारु रूप से संचालित करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। प्रो. विकास पारीक एवं उनके विभाग के सहयोगियों को सुरक्षा तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में व्यापक अनुभव प्राप्त है।

यह केंद्र 12 दिसंबर 2020 को माननीय कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा की अध्यक्षता में औपचारिक रूप से उद्घाटित किया गया। इस अवसर के मुख्य अतिथि श्री अरविंद कुमार, वैज्ञानिक-जी एवं महानिदेशक-एसटीक्यूसी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय, भारत सरकार थे। कार्यक्रम में डॉ. संतोष कुमार पांडेय, वैज्ञानिक-डी, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

उद्घाटन सत्र के फेसबुक लाइव वीडियो का लिंक: https://fb.watch/2lK7PMjkVm/

यह केंद्र साइबर सुरक्षा में अनुसंधान हेतु अत्याधुनिक सुविधाएं विकसित करने की दिशा में कार्य करेगा और इसके माध्यम से बिहार में एक प्रशिक्षित कार्यबल तैयार किया जाएगा। साथ ही, यह प्रस्तावित किया गया है कि केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर सुरक्षा के प्रति आम जनता को जागरूक करने के लिए बड़े स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा। विश्वविद्यालय पुस्तकालय में साइबर सुरक्षा पर केंद्र के पास अच्छी संख्या में पुस्तकों का संग्रह उपलब्ध है।

'साइबर सुरक्षा केंद्र' का प्रमुख उद्देश्य साइबर सुरक्षा के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), ब्लॉकचेन, क्लाउड, बिग डेटा, रोबोटिक्स, क्वांटम क्रिप्टोग्राफी आदि में अनुसंधान करना है। यह केंद्र सरकारी एवं निजी क्षेत्रों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साइबर सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर सहयोग करेगा। इसके अतिरिक्त, यह केंद्र साइबर सुरक्षा और फॉरेंसिक से संबंधित नीतिगत अनुसंधान एवं प्रकाशन भी करेगा।

दृष्टिकोण और मिशन

  • साइबर सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों के लिए सरकारी एवं निजी क्षेत्रों की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग करना;
  • साइबर सुरक्षा के संबंधित क्षेत्रों में नीतिगत अनुसंधान और प्रकाशन करना;
  • साइबर सुरक्षा और गोपनीयता के क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना;
  • साइबर सुरक्षा में स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास (R&D) उत्पादों के उपयोग को विकसित और जागरूक करना;
  • उभरते क्षेत्रों जैसे कि IoT, ब्लॉकचेन, क्लाउड, बिग डेटा, रोबोटिक्स आदि में सुरक्षा के दृष्टिकोण से अनुसंधान करना और प्रगति का सक्रिय रूप से अनुसरण करना;
  • साइबर सुरक्षा और फॉरेंसिक के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों का आयोजन करना/भाग लेना।

मुख्य उद्देश्य

  • साइबर सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक अनुसंधान माहौल तैयार करना;
  • सामाजिक रूप से प्रासंगिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण समस्याओं पर कार्य करना;
  • समय-समय पर साइबर सुरक्षा और गोपनीयता से संबंधित मुद्दों पर सरकार और सार्वजनिक निकायों को उपयुक्त सुझाव प्रदान करना;
  • आवश्यकता अनुसार साइबर सुरक्षा पर विशेष/वैकल्पिक पाठ्यक्रमों की शुरुआत करना; और
  • संबंधित क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान एवं प्रकाशन करना।

प्रमुख क्षेत्र

  • उभरते क्षेत्रों में सुरक्षा जैसे कि IoT, ब्लॉकचेन, क्लाउड, बिग डेटा, रोबोटिक्स आदि;
  • फिनटेक और पेमेंट गेटवे सुरक्षा;
  • एंड्रॉइड एप्लिकेशन सुरक्षा;
  • एंटरप्राइज आर्किटेक्चर में सुरक्षा।
महत्वपूर्ण लिंक
अद्यतन दिनांक: 25 जुलाई 2023, 10:30 AM
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