चम्पारण की विरासत

एमजीसीयू मोतिहारी, जिला-पूर्वी चम्पारण, बिहार (भारत) में स्थित है। मोती झील के सभी किनारों में बसे होने के कारण इसके मोतिहारी नाम का होना सार्थक ही है। पौराणिक रूप से ‘चम्पारण’ का नाम चम्पा के जंगलों से जाना जाता था जो अतीत में इस क्षेत्र में व्याप्त हुआ करता था। हालाँकि, मोतिहारी राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के कर्म भूमि के रूप में विख्यात है जहाँ 1917 में नील आंदोलन के दौरान सत्याग्रह, सत्य एवं अहिंसा के विचारों का सफलतापूर्वक प्रयोग देखा गया। एमजीसीयू की स्थापना महात्मा गाँधी के चम्पारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में हुई। ऐसा बहुधा कहा जाता है कि यह चम्पारण ही है जिसने बापू को बनाया था जो वास्तविकता में आम लोगों के करिश्माई नेता थे।

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नाम पर रखा गया महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय बिहार (एमजीसीयूबी) भारत के उभरते हुए सार्वजनिक केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है। विश्वविद्यालय का ध्येय इसके प्रतीक चिह्न "मयि श्रीः श्रयतां यशः" में निहित है। यह वैदिक जाप हमारी सभी आकांक्षाओं को पूरा करने और हमारे वाणी में सत्य की स्थापना की दिशा में सर्वशक्तिमान का आह्वान है। परमात्मा शरीर, मन और आत्मा को परिपूर्णता प्रदान करने का आशीर्वाद दे जिससे कि हम त्याग एवं प्रतिष्ठा के शिखर को प्राप्त कर सके। अपनी महान विरासत की अमूल्य धरोहर के साथ एमजीसीयूबी प्रबुद्ध विद्यार्थियों के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है जिससे कि वो सामाजिक परिवर्तन और सार्वभौमिक आदर्शों के अद्वितीय स्रोत के संवाहक बन सके।

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Updated on: 08 Spet 2022 02:30 PM
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