एमजीसीयू के बारे में

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय (एमजीसीयू) संसद के अधिनियम, केन्द्रीय विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम 2014 (2014 के नियम 35) के द्वारा अस्तित्व में आया। विश्वविद्यालय 3 फरवरी 2016 को कार्यशील हो गया। एमजीसीयू राष्ट्रीय राजमार्ग 28 पर मोतिहारी (बनकट) में स्थित है।

एमजीसीयू सामान्य शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में उच्च अध्ययन का एक उत्कृष्ट केंद्र के रूप में प्रतिष्ठित हो रहा है। वर्तमान में विश्वविद्यालय में 07 संकाय एवं 20 शिक्षण विभागों के अधीन 04 स्नातक कार्यक्रम, 22 स्नातकोत्तर कार्यक्रम, 19 एम.फिल कार्यक्रम, एवं 20 पीएचडी कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। यह विश्वविद्यालय की प्रमुख विशेषताओं में से एक है जिसने देश के विभिन्न हिस्सों से उत्साही शिक्षार्थियों को यहाँ प्रवेश लेने के लिए आकर्षित किया है। इस बात को दोहराने की आवश्यकता नहीं है कि विश्वविद्यालय के अनुभवी और सक्षम संकाय सदस्य ही विश्वविद्यालय के शैक्षणिक उत्कृष्टता का मूल आधार है।

मोतिहारी, बिहार में विश्वविद्यालय की स्थापना हमें 1917 के गौरवशाली ऐतिहासिक वर्ष में ले जाता है, जब महात्मा गाँधी ने पहली बार अंग्रेजों के विरूद्ध उपनिवेशवाद विरोधी संघर्ष और अपना जाना-माना सत्याग्रह शुरू किया था। यह ठीक ही कहा जाता है कि मोतिहारी ने महात्मा गाँधी को बापू बनाया जो जन नेता थे, जिन्होंने सत्य और अहिंसा के चमत्कारी मंत्रों के माध्यम से पूरे भारत में क्रांति की मशाल जलायी। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि एमजीसीयू मानवता के लिए अपनी अमूल्य सेवाओं को प्रदान करने की दिशा में हमारे शिक्षार्थियों में सत्याग्रह, सत्य और अहिंसा की भावना को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के नाम पर रखा गया एमजीसीयू भारत के उभरते सार्वजनिक केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है। विश्वविद्यालय के प्रतीक चिह्न में इसका ध्येय वाक्य “मयि श्री श्रयतां यशः” निहित है। ध्येय वाक्य वैदिक जाप का उद्बोधन है जो नाम, प्रसिद्धि और सभी पर धन की समृद्धि की वर्षा के लिए है। यह इस विश्वविद्यालय की शैक्षिक भावना के पीछे मार्गदर्शक सिद्धांत है। विश्वविद्यालय के सभी सदस्य (शिक्षण और शिक्षणेत्तर दोनों) हमारे विद्यार्थियों / शिक्षार्थियों को सर्वांगीण सफलता और समृद्धि प्राप्त करने में सक्षम बनाने की दिशा में मन-मस्तिष्क से कार्य करते हैं।

यह उल्लेखनीय है कि एमजीसीयू हमारे माननीय कुलपति, प्रो आनंद प्रकाश के दूरदर्शी और बहुमुखी नेतृत्व से उर्जस्वित हो रहा है। यह विचार योग्य है कि हमारे कुलपति विलक्षण प्रतिभा, उत्कृष्ट शैक्षिक दृष्टि और अद्भुत प्रशासनिक कौशल के व्यक्ति हैं। यथा सर्वांगीण विकास के साथ-साथ तथा शिक्षा प्रविधि, पाठ्येतर गतिविधियाँ, प्रशासन, आधारभूत सुविधाएं, शोध, नवाचार आदि सभी आयामों में सामंजस्य तथा इसके सतत विकास को विश्वविद्यालय के आंतरिक परिवेश में महसूस किया जा रहा है।

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Updated on: 08 Spet 2022 02:30 PM
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