प्राणीशास्त्र विभाग

विभाग के बारे में

प्राणीशास्त्र विभाग, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार की विज्ञान संकाय की एक प्रमुख इकाई है। 2016 में स्थापना के बाद से यह छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से एक अग्रणी केंद्र रहा है। विभाग की शिक्षा पद्धति में कक्षा शिक्षण के साथ-साथ प्रयोगशाला आधारित शिक्षण और शोध परियोजनाओं पर विशेष बल दिया जाता है, जिससे पशु विज्ञान और प्राणीशास्त्र के विकास में योगदान मिल सके। विभाग में अत्यंत योग्य, अनुभवी और समर्पित फैकल्टी सदस्य हैं, जो प्राचीन और आधुनिक प्राणीशास्त्र के विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और शिक्षण में प्रेरित हैं, और डेमो, मॉडल, वीडियो आदि की सहायता से पढ़ाते हैं। विभाग ने शुरुआत में बीएससी ऑनर्स पाठ्यक्रम की शुरुआत की थी और बाद में 2019 में परास्नातक (एमएससी), एमफिल और पीएचडी कार्यक्रम शुरू किए गए। ये सभी कार्यक्रम छात्रों के लिए शिक्षण एवं अनुसंधान, फॉरेंसिक, मेडिकल लैब्स, भारतीय वन सेवा, प्रशासनिक सेवा, हैचरी, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, कृषि विभाग, चिड़ियाघर/संग्रहालय क्यूरेटर, वन्यजीव शिक्षक, पुनर्वासकर्ता, संरक्षणविद, पर्यावरण प्रबंधन, पर्यावरण कंसल्टिंग फर्मों और उच्च स्तरीय शोध के क्षेत्र में करियर के अनगिनत अवसर खोलते हैं। यद्यपि यह विश्वविद्यालय का एक नवस्थापित विभाग है, फिर भी इसके वर्तमान परिसर का विस्तार किया गया है, जिससे पशु विज्ञान के अनेक अनुशासनों में अनुसंधान का विकास हुआ है, और भविष्य में प्रतिष्ठित फैकल्टी को आकर्षित करने में सहायता मिली है। विभाग ने उच्च प्रभाव फैक्टर वाले अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में बड़ी संख्या में शोधपत्र प्रकाशित किए हैं। प्राणीशास्त्र विषय में अकादमिक नेतृत्व प्रदान करने और वैश्विक स्तर के गुणवत्ता शोध को आगे बढ़ाने के लिए विभाग प्रतिबद्ध है, जिससे छात्रों को उच्च शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ-साथ उद्यमिता और औद्योगिक कौशल में सक्षम बनाया जा सके। फैकल्टी सदस्यों द्वारा भारत और विदेशों की विभिन्न एजेंसियों से रिसर्च ग्रांट प्राप्त कर छात्रों में शोध संस्कृति विकसित की जा रही है, ताकि वे अनुसंधान और अकादमिक उत्कृष्टता में आदर्श बन सकें।

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अद्यतन दिनांक: 25 जुलाई 2023, 10:30 AM
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