प्रो. त्रिलोचन शर्मा, युवा, ऊर्जावान और दूरदर्शी शिक्षाविद् हैं। इन्होंने वाणिज्य संकाय में अपनी पीएचडी की उपाधि डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश से प्राप्त की है। इन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ से वाणिज्य में पोस्ट डॉक्टरेट, डी.लिट. की उपाधि भी प्राप्त की है। इन्होंने वाणिज्य और प्रबंधन संकाय, दोनों में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। डॉ. शर्मा को लगभग डेढ़ दशक से विश्वविद्यालय शिक्षण का अनुभव है। इनका पिछला कार्यानुभव, एमजेपी रोहिलखंड विश्वविद्यालय, बरेली में सह-आचार्य के रूप में रहा है। ये चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में क्रमशः व्याख्याता, सहायक आचार्य और सह-आचार्य के रूप में भी अपनी सेवा दे चुके हैं। इसी विश्वविद्यालय में इन्हें वाणिज्य विभाग के संस्थापक सदस्य और सह-आचार्य के रूप में भी जाना जाता है। प्रो. शर्मा के नाम 29 पुस्तकों का प्रकाशन और कई शोध-प्रकाशन का श्रेय जाता है। इन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के लगभग चार दर्जन संगोष्ठियों में भाग लिया है और शोध-पत्र प्रस्तुत किया है। इन्होंने कई स्नातकोत्तर और शोध छात्रों का सफल निर्देशन किया है। ये संस्थान में कुलानुशासक, सहायक वार्डन, नामांकन समन्वयक और मूल्यांकन समन्यक के रूप में भी अपनी सेवा दे चुके हैं। प्रो. शर्मा सकारात्मकता, रचनात्मकता और मित्रतापूर्ण माहौल के पक्षधर हैं। इनका मानना है कि शिक्षण केवल एक पेशा नहीं; अपितु एक जुनून है, अतः एक शिक्षक को हमेशा एक छात्र बनकर रहना चाहिए। इनका मुख्य आदर्श-वाक्य है, “यदि आप अपने जीवन में उत्कृष्टता चाहते हैं तो आपको औरो के साथ भी वैसा ही व्यवहार करना होगा।”
वर्तमान में ये महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी के वाणिज्य विभाग में आचार्य के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है, और 7 जनवरी 2020 को इन्होंने विभागाध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया है।